जब अपने ही अन्जान बन के रह जाए,
तब विश्व की पहचान लेकर मै क्या करू ..
दूं तुम्हे जलन कैसे अपनी दिखा,
दूं कैसे अब अपनी उदासी जता..
जो खामोशी मेरी ना समझ पाया,
उसको मै अब शब्द कहकर क्या करू ..
जब अपने ही अन्जान बन के रह जाए,
तब विश्व की पहचान लेकर मै क्या करू ..
दूं तुम्हे जलन कैसे अपनी दिखा,
दूं कैसे अब अपनी उदासी जता..
जो खामोशी मेरी ना समझ पाया,
उसको मै अब शब्द कहकर क्या करू ..
#आत्मनिर्भर भारत
changing the world one word at a time
My meanderings through life and writing . . .