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जज़बात…
उन जज़बातो ने क्या साजिश की थी, कि दिल यूं डूबा की निकल ही ना सका… कसूर किसी का नही था, बस यह जज़बात गहरे थे और यह दिल कुछ कमज़ोर था… आज भी इस कदर नुमाईश है, कि कल डूबना पर जाऐ, यह दिल …