क्यों ?

क्यों डरू क्या सोचते हैं लोग,
जब ज़िन्दगी खुदकी हैं,
बार बार तोह मिलती नहीं,
एक बार ही अच्छे से जीलेे ना यार…

बेखबर हैं दूसरा,
इस दिल की हलचल से,
दिमाग में उठे उबाले से,
और,
खुद के लिए संजोए हुए लाखों सपनों से…

जो आगे बढ़ने का हौसला दे,
वोही साथ हैं,
बाकी तोह यार,
तुझे मजबूत बनाने के कुछ इम्तेहान हैं…

करो बुरा नहीं किसी का,
साथ सच के हमेशा कदम बढ़ाओ…
ज़िन्दगी कोइसा भी मोड़ ले,
खुद को हर पर बेहतर बनाओ,
और,
आगे बढ़ो…

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11 comments

      • बहुत ही बढ़िया ढंग से अपनी बात कहने की कोशिश की है तुमने ,एक आत्मविश्वास के साथ साहस भी होना चाहिए हम में ,वाह बेहतरीन👌वर्तनी की अशुद्धियाँ सुधारी जाएँगी आगे आगे ,इसी उम्मीद के साथ स्वागत वापसी का प्रिय काव्या❤️

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  1. आप कहते हो आगे बढ़ो
    सत्य तुम्हारे साथ यहां
    कमजोर नही निडर बनो
    है वक़्त की आवाज यहां।।
    बहुत बेहतर विचार आपके
    सत्य दिखला रहा यहां
    अनुसरण करना चाहेंगे शब्दो को
    जो आपने हैं लिखा यहां।।

    Liked by 2 people

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