एक दीवानगी होती है,
एक जुनून,
कुछ ख्वाहिशें होती है,
कुछ ख्वाब,
कुछ मुकम्मल होता है,
तोह कुछ अधूरा रह जाता है।
अधूरा भी खूबसूरत होता हैं,
और,
पूरा भी कहीं बार केहनें को ही बस होता हैं।
एक कलम को अपना बना को,
एक कागज़ पर दिल उतार दो…
सुकून भी बेशूमार मिले गा,
और
अपनापन भी आबाद रहे गा…
खुद को गले लगा लो,
मंज़िल से मोहब्बत कर को…
आज को अपना बना लो,
ज़िन्दगी के लम्हों को समेट लो,
आज को जीलो,
कल के लिए खुद को तैयार कर को।