निराश मत होना,
ज़िंदगी में ठोकरें यूहीं नहीं मिलती…
मिलती रहेंगी,
कई दफा, एक दफा नहीं,
आंखो को आसमान में गड़ाए रखना….
उड़ान भी वहीं भरता हैं,
जो गिरने के डर से ऊपर उठता हैं।
निराशा कैसी मुसीबतों से,
तुम्हे उठ चलना ही तोह सिखाती हैं।
आज फिर चलो खड़े हो,
ज़िंदगी चलते रहने का पैग़ाम हैं।
Well penned kavya
….आपने तो अपने नाम को ही सार्थक किया है ❤
LikeLiked by 1 person
Thank you so much! ✨ Good to know I am giving justing to my name to an extent.😊😊❤️
LikeLiked by 1 person
Justice*
LikeLiked by 1 person
😘😘😘😘👍👍👍👍
LikeLiked by 1 person