तुम किसी से कम नहीं।

आशाओं के सहारे बैठ कर,
कैसे खुद से किनारा कर सकते हो तुम?
आज खुद को याद दिलाना,
तुम किसी से कम नहीं।

दरमियान दिल दिमाग के,
कैसे खुद को तकलीफ देने का सोच सकते हो?
बेबस ना बनना,
बुलंद रहकर जीना हैं तुम्हे।

तकदीर के पन्ने सबके अलग हैं,
तोह कैसे सफ़र एक सा हो सकता है?
खुद को मजबूत रखना,
ज़िन्दगी में बिखरना आसान है…
समेत कर अपनी मुस्कुराहट,
अंधेरे में भी चमकने की कोशिश करना।

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4 comments

  1. Wah
    कोई कम ना कभी किसी से
    जिसमे जाग्रत इच्छा यहा
    कहते इच्छा शक्ति उसको
    हर मानव में छुपी होती यहा।।

    खुद का मूल्यांकन खुद करना
    समय करवाता सब यहा
    मिलता मौका जीवन मे सबको
    दिखलाती इंसानियत पड़ती यहां।।

    Liked by 1 person

  2. Thenks
    क्या खूब तो आपने लिखा है
    हम को सत्य के दर्शन करवा दिए
    आपका बहुत बहुत धन्यवाद
    आपके लेख बहुत अच्छे लगे।।

    Liked by 2 people

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