आशाओं के सहारे बैठ कर,
कैसे खुद से किनारा कर सकते हो तुम?
आज खुद को याद दिलाना,
तुम किसी से कम नहीं।
दरमियान दिल दिमाग के,
कैसे खुद को तकलीफ देने का सोच सकते हो?
बेबस ना बनना,
बुलंद रहकर जीना हैं तुम्हे।
तकदीर के पन्ने सबके अलग हैं,
तोह कैसे सफ़र एक सा हो सकता है?
खुद को मजबूत रखना,
ज़िन्दगी में बिखरना आसान है…
समेत कर अपनी मुस्कुराहट,
अंधेरे में भी चमकने की कोशिश करना।
Wah
कोई कम ना कभी किसी से
जिसमे जाग्रत इच्छा यहा
कहते इच्छा शक्ति उसको
हर मानव में छुपी होती यहा।।
खुद का मूल्यांकन खुद करना
समय करवाता सब यहा
मिलता मौका जीवन मे सबको
दिखलाती इंसानियत पड़ती यहां।।
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क्या खूब लिखा है आपने। 👍👍
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Thenks
क्या खूब तो आपने लिखा है
हम को सत्य के दर्शन करवा दिए
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
आपके लेख बहुत अच्छे लगे।।
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Thank you so much for such kind and encouraging words. 😇😇
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