समय खुद बनेगा मरहम,
बस तू ज़िंदगी का साथ ना छोड़ना।
रोशनी की तरफ देखना,
अंधेरा खुद पीछे छूट जाएगा।
एक मुस्कुराहट की ताकत,
हज़ारों आंसू नहीं कम कर सकते।
जहा जज़्बा जीने का होता है,
वाहा रस्ते भी खुद बन जाते हैं।
तकदीर की लिखावट नहीं बदलती,
पर सफ़र ज़रूर निखर सकता है।
आज को अपना बना कर देख,
वक़्त खुद साथ निभाने लगेगा।
लम्हे ये घट रहे हैं,
खुद के साथ भी कुछ समय बिता ले,
दूसरों पर जज़्बात लुटाते लुटाते,
खुद के लिए भी कुछ बचाले।