रुको ज़रा,
ठहरो,
सोच कर देखो,
एक दफा,
क्या खुश होना तुम्हारा हक नहीं?
क्यों खुद को कम समझते हो तुम?
या कहूं किस से कम?
तुम तुम हो,
तुम्हारे जैसा कोई और नहीं हो सकता,
फिर कैसे तुम खुद को खोने का सोच सकते हो?
एक दफा आंखे बंद करके देखो,
एक नई दुनिया से मुलाकात होगी।
थोड़ा सा खुद से और प्यार करो,
कभी खुद को किसी से कम नहीं समझोगे।
इतना भी मुश्किल नहीं,
बात करना किसी से।
ज़िन्दगी फालतू नहीं,
महत्वपूर्ण हैं।
आज विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस पर,
हाथ बढ़ाओ, काटने का मत सोचो।
बात करो, बात बनकर रह जाने की तरफ कदम मत बढ़ाओ।