लड़की हैं?
मतलब?
इंसान नहीं क्या?
सोच को बदलो,
लड़कियां ज़मीन पर ही नहीं,
आसमान में भी नाम रोशन कर रही हैं आज।
फिर कैसे कह लेते हो,
लड़की हैं यार।
मैं कहती हू,
हां लड़की हैं यार,
लाडली हैं,
और लाज रखना भी जानती हैं।
काम ही नहीं,
कमाल करना भी जानती हैं।
कभी किसी बच्ची को बच्चे से कम,
या,
लड़की को लड़के से
कम ना समझ लेना।