आप हो तोह क्या डर हैं,
हर मुश्किल का सामना करने का हौंसला हैं साथ…
भक्त आपकी होते हुए,
फिर कैसा आगे बढ़ने से ये कतराना?
रख मन में विश्वास चलती हू,
जो होगा डट कर सामना करूंगी।
जब सच की राह पर चली हू हमेशा,
तोह कैसा झूठ के लिए रुकना आज?
हिम्मती कम भी नहीं,
हौसलों में विश्वास रखती हूं मैं…
ज़िंदगी मिली हैं जो ये,
कैसे लौटा दू इसे एक भ्रम पर?
कैसे जीने के लिए सोचू फिर दो दफा?
👌👌
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🙏
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Waah
क्या बात है
बहुत सुंदर
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Thank you🙏
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थी देवी वो एक धरा पर
नाम दुर्गा था यहां
पहुची एक भक्त पास वो
बोले भोजन जिमा यहा।।
खीर पूरी का भोग लगाओ
गाँव को पूरे आप जिमाओ
आया एक सन्यासी भी जीमने
कहते भैरो बाबा उसको यहा।।
बोले खाऊंगा नरभक्षी भोजन
सँग मदिरा पिएगें हम यहां
देख रही थी दुर्गा वो
कहते देवी उसे यहां।।
नही हो पाई व्यवस्था उनकी
नही मनोरथ उनका पूर्ण हुआ
पीछे भागे पकड़े उसको
जिसका दुर्गा नाम था वहाँ।।
था विस्वाश उडको ख़ुद पर
जाग्रत खुद को किया वहाँ
जल्द ही वध कर दिया
जिसका नाम भैरो बाबा था यहा।।
ऐसा विस्वाश रखना जग में
बहुत भैरो बाबा है भरे यहां
नाम अलग काम वासना
से लिप्त सारा संसार यहा।।
भाई मानो या दोस्त मानो
या जाग्रत इंसानियत देखो यहा
मानव बना आज भेड़िया
दिखता अखबार,tv में यहां।।
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बहुत अच्छा लिखते हैं आप!
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Thenks
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