जितना महसूस करो,
उतना ही दर्द महसूस होता हैं,
और ख़ुशी भी उतनी..
मज़बूत बनो,
और फिर कुछ भी बन सकते हो तुम।
ज़िंदगी हैं,
तूफ़ानो से भी मुलाक़ात होती रहेगी,
और कारकराती धूप में भी तपना पड़ेगा!
मज़बूत बनो,
बिखर कर ढेर नही होना पड़ेगा कभी!
मोड़ और गड्ढे
बताकर कब आए हैं,
दस्तक जो दे कभी!
मज़बूत रखना ख़ंदकों,
लोग और मौसम कभी भी बदल जाते हैं!