तो क्या हुआ?
क्या हुआ अगर,
तुम्हें ठोकरे मिली..
क्या हुआ अगर ज़िंदगी ने रुख़ बदला?
ज़िंदगी हैं,
एक जैसी नही रह सकती।
कुछ ना कुछ चलता रहेगा,
मगर, रुकना मत,
रुकना मौत सामान है।
कोशिश करते रहना,
हार मत मान ना,
ना आज ना कभी और।
सच्चे हो तो डरना मत कभी,
ग़लत हो तो हिम्मत रखना स्वीकार करना गलती।
समय से कुछ नही छिपा कभी,
समय बदलते समय नही लगता,
डटे रहना।
Nice
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