
जो बीत गया,
वो एक साया है..
एक परछाई,
जिसका कोई अवलम्ब नही है।
आसान नही रहा कुछ,
ना ही रहेगा कभी,
बस कोशिशों का दरिया है,
जिस मे तैरने से नही कभी डरना है।
आगे खुला आसमान है,
मंज़िल है,
रास्ता खुद ब खुद बन जाएगा,
बस कदमों पर भरोसा रखना है।
जो बीत गया,
वो एक साया है..
एक परछाई,
जिसका कोई अवलम्ब नही है।
आसान नही रहा कुछ,
ना ही रहेगा कभी,
बस कोशिशों का दरिया है,
जिस मे तैरने से नही कभी डरना है।
आगे खुला आसमान है,
मंज़िल है,
रास्ता खुद ब खुद बन जाएगा,
बस कदमों पर भरोसा रखना है।
Straight from the heart
In the material and spiritual realm
Pause and peruse!