
समझना हर अफ़साने को मुमकिन कहा,
बस उभर जाओ उतना ही काफ़ी है।
दिन के उजाले मे,
सूरज सा उगना सीख जाओ,
अंधेरी रात मे,
चाँद सा बन आसमान रोशन कर दो।
फिर हो कोहरा,
या हो कोई तूफ़ान,
खुद से कुछ कस कर लिपटना,
खुद को कभी खोने ना देना।
समझना हर अफ़साने को मुमकिन कहा,
बस उभर जाओ उतना ही काफ़ी है।
दिन के उजाले मे,
सूरज सा उगना सीख जाओ,
अंधेरी रात मे,
चाँद सा बन आसमान रोशन कर दो।
फिर हो कोहरा,
या हो कोई तूफ़ान,
खुद से कुछ कस कर लिपटना,
खुद को कभी खोने ना देना।
Straight from the heart
In the material and spiritual realm
Pause and peruse!